यहूदी, मध्यपूर्व और यूरोप के कई क्षेत्रों में फैल गए थे। उन्नीसवी सदी के अन्त में तथा फिर बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यूरोप में यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार के कारण यूरोपीय (तथा अन्य) यहूदी अपने क्षेत्रों से भाग कर यरुशलम और इसके आसपास के क्षेत्रों में आने लगे। सन् 1948 में आधुनिक इसरायल राष्ट्र की स्थापना हुई। किसी भी देश पर कब्जा करने के लिए सबसे पहले उस देश की सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करना पड़ता है, उसके बाद ही उस देश को मिटाया जाता है और उसके बाद आप वहां अपनी सभ्यता और संस्कृति का विकास करते हैं और अपना देश बनाते हैं। ऐसी घटनाओं से इतिहास भरा पड़ा है। उन घटनाओं में से एक के बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे तो आज की इस पोस्ट में हम इस्राइल के बारे में विस्तार से जानेंगे कि इस्राइल का इतिहास क्या है, कैसे और किसने इस धरती पर उनका वजूद बनाया। और किस के मेहनत और संघर्ष से लोगों को अपना देश वापस मिला,इसके बारे में विस्तार से जानेंगे और आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगाहम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि इजरायल एक नए देश में है जो 70 साल पहले बना था लेकिन साथ ही इजरायल भी एक प्राचीन देश है। यह दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक यहूदी धर्म है। यहूदी धर्म का इतिहास 3000 साल पुराना माना जाता है। इस धर्म की शुरुआत यरुशलम शहर से होती है, जो आज इजरायल की राजधानी है। और यह यरुशलम शहर यहूदी ईसाई और इस्लाम धर्म के पवित्र स्थानों में से एक है।
यहूदी धर्म की शुरुआत पैगंबर अब्राहम ने की थी। पैगंबर अब्राहम को ईसाई धर्म के लोग और मुस्लिम धर्म के लोग ईश्वर के दूत मानते हैं क्योंकि बाद में यहूदी धर्म से ही ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म का निर्माण हुआ इसलिए ईसाई और इस्लाम दोनों ही पैगंबर अब्राहम को ईश्वर का दूत कहते हैं। पैगंबर अब्राहम के बेटे का नाम आइजेक था और उनके पोते का नाम याकूब था, याकूब का दूसरा नाम इज़राइल था याकूब के 12 बेटे और एक बेटी थी याकूब के 12 पुत्रों ने 12 अलग-अलग कबीले बनाया और याकूब ने यहूदियों को इकट्ठा किया और इस्राएल नामक एक राज्य का निर्माण किया। याकूब का यहूदा नाम का एक पुत्र हुआ, सो उसके वंश को यहूदी भी कहा गया। इनकी भाषा हिब्रू थी और धर्म ग्रंथ तनक है। राज्य कहाँ बना था? आप इस फोटो में देख सकते हैं
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